Today's thought
which can change your life
Today's thought
हर कर्म का फल अवश्य मिलता है
पर फल की इच्छा
चिंता पैदा करती है
और चिंता अवसाद (depression)
कर्म व्यक्ति द्वारा किया जाता है
और फल समष्टि के हाथ में
और जिस पर अधिकार न हो
उसकी बारे में सोचना मूर्खता है
मज़े की बात है
लोंगो को बात करते सुनता हूँ
अपना ज्यादातर समय
उन बातों पर खर्च करते हैं
जो वो कर नहीं सकते
और फिर कहते हैं
भाग्य में नहीं है
ये भाग्य................
Good night
दुनिया के अधिकतर लोग
व्यस्त नहीं है
व्यस्तता की चिंता करते है
चिंता थकान पैदा करती है
सभी के पास 24 घंटे होते हैं
कुछ चिंता में बिता देते हैं
कुछ लोग काम करते हैं
जो काम करते हैं
उन्हें लोग सफल कहते हैं
जो काम करते हैं
उनके पास नींद के लिए
भरपूर समय होता है
और जो चिंता करते हैं
उनके पास नींद ही नहीं होती
Today's thought
संस्कृत का शब्द
'स्वास्थ्य' बड़ा प्यारा शब्द है
"जो स्वयं में स्थित है"
वही स्वस्थ्य है
जो किसी से अपशब्द सुनकन
परेशान हो जाता है, क्रोधित हो जाता है
स्वस्थ्य नहीं है....
जो प्रतिक्रिया से भरा है
स्वस्थ्य नहीं है....
स्वस्थ्य व्यक्ति प्रतिक्रिया नहीं करता
स्वयं की मर्जी से, जागरूकता में,
क्रिया करता है....
शुप्रभात...!